Tag Archives | Essays

Women and Politics in Hindi Language

राजनीति में महिलाओं का स्थान । Article on Women and Politics in Hindi Language! प्राचीन काल से ही समाज पुरुष प्रधान रहा है । इसमें ऐसी व्यवस्थाएँ लागू की जाती रही है जिनके रहते महिलाओं के लिए अपने उत्थान की बात तक सोचना अकल्पनीय रहा है । आधुनिक युग में ऐसी शिक्षा पद्धति को अपनाया गया जिसमें महिलाओं के लिए [...]

By |2016-12-19T05:35:02+00:00December 19, 2016|Hindi|Comments Off on Women and Politics in Hindi Language

अध्ययन और आनन्द | Pleasure of Learning in Hindi

सामान्यत: अध्ययन ज्ञान-प्राप्ति के लिए किया जाता है । बाल्य-काल में मनुष्य की शिक्षा का आरम्भ अध्ययन से ही होता है । अध्ययन के द्वारा ही विद्यार्थी ज्ञान-विज्ञान की दुनिया से परिचित होता है । किसी भी विद्यार्थी के लिए उसके शिक्षक अथवा मार्ग दर्शक का सहयोग महत्त्वपूर्ण होता है, परन्तु अध्ययन के बिना सफलता प्राप्त नहीं होती । स्वेच्छा [...]

By |2016-12-19T05:35:00+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on अध्ययन और आनन्द | Pleasure of Learning in Hindi

River in Hindi Language

उमड़ती हुई नदी पर अनुच्छेद । Article on the River in Hindi Language! वर्षा काल में भारत की सभी नदियों में जलस्तर बढ़ जाता है । कुछ नदियों में तो इतना जल प्रवाह हो जाता है कि वह विध्वंस उत्पन्न कर देती है । पिछले अगस्त माह में मैं अपने चाचा को मिलने गया । वह व्यास नदी के किनारे [...]

By |2016-12-19T05:34:57+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on River in Hindi Language

आतंकवाद और समाज पर अनुच्छेद । Terrorism in Hindi Language

नात्सीज्म और फासीज्म आतंक समर्थक विचारधाराएँ थीं । व्यक्ति और समाज को भय तोड़ता है, खोखला करता है और आतंक की ओर खींच ले जाता है । आतंक भयानक वन है, जो हिंसक वन्य पशुओं के रहने का स्थान है । उस भयावह वन को हमने शहरों में उगा दिया है । उसकी जड़े मन में गहरी उतर चुकी आतंक [...]

By |2016-12-19T05:34:55+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on आतंकवाद और समाज पर अनुच्छेद । Terrorism in Hindi Language

आर्थिक उदारीकरण: भविष्य के परिप्रेक्ष्य में | Economic Liberalization in Hindi Language

विस्तार बिंदु: 1. भारतीय अर्थव्यवस्था में नियोजन का महत्व । 2. राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में आर्थिक मंदी का दौर । 3. आर्थिक उदारीकरण की नीति का अंगीकरण । 4. उदारवाद भूमण्डलीकरण का प्रथम चरण । 5. अत्यधिक उदारता के खतरे । 6. उदारवादी अर्थव्यवस्था के चलते स्वदेशी उद्योगों पर मंडराता खतरा । 7. निष्कर्ष । स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात् संविधान निर्माताओं [...]

By |2016-12-19T05:34:52+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on आर्थिक उदारीकरण: भविष्य के परिप्रेक्ष्य में | Economic Liberalization in Hindi Language

आर्थिक उदारीकरण और स्वदेशी उद्योग का संकट | Liberalised Economy in Hindi Language

विस्तार बिंदु: 1. भूमिका । 2. भारत में उदारीकरण की नीति का अंगीकरण । 3. उदारीकरण की प्रकृति । 4. उदारीकरण का भारतीय उद्योग-धंधों एवं कृषि पर दुष्परिणाम । 5. निष्कर्ष । वर्ष 1991 के आरम्भ से ही भारतीय अर्थव्यवस्था में एक ओर विदेशी ऋण में अत्यधिक वृद्धि, विदेशी मुद्रा भण्डार में गिरावट, सरकारी व्यय में बढ़ोतरी, भारत से विदेशी [...]

By |2016-12-19T05:34:50+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on आर्थिक उदारीकरण और स्वदेशी उद्योग का संकट | Liberalised Economy in Hindi Language

उदारीकरण रोक सकेगा प्रतिभा-पलायन को ? Liberalization of Economy in Hindi

विस्तार बिंदु: 1. लगभग 25 प्रतिशत प्रतिभाएं विदेशों में बस जाना पसंद करती हैं । 2. भारत के लिए आर्थिक एवं विकासात्मक, दोनों दृष्टियों से नुकसान । 3. पलायन के लिए उत्तरदायी कारक । 4. उदारीकरण का अल्पावधिक परिणाम बहुराष्ट्रीय कंपनियों के माध्यम से प्रतिभा का और भी पलायन होगा । 5. प्रतिभाओं की वापसी के क्या उपाय हैं ?....... [...]

By |2016-12-19T05:34:46+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on उदारीकरण रोक सकेगा प्रतिभा-पलायन को ? Liberalization of Economy in Hindi

जनसंख्या: समस्या और समाधान | "Population: Problem and Its Solution" in Hindi

किसी भी समाज अथवा राष्ट्र की शक्ति उसके जन-समुदाय से बनती है । जन-समुदाय बुद्धिमत्ता एवं परस्पर सहयोग से राष्ट्र को प्रगति के पथ पर आगे ले जाता है । जन-शक्ति के अभाव में कोई भी राष्ट्र उन्नति नहीं कर सकता । परन्तु किसी भी राष्ट्र के समुचित विकास के लिए उसकी जन-संख्या का नियंत्रित होना आवश्यक है । राष्ट्र [...]

By |2016-12-19T05:34:44+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on जनसंख्या: समस्या और समाधान | "Population: Problem and Its Solution" in Hindi

दहेज का दानव । Dowry in Hindi Language

देश में व्याप्त दहेज की कुप्रथा का स्वरूप अत्यंत प्राचीन है । प्राचीनतम धर्मग्रंथ मनुस्मृति में उल्लिखित है, ''माता-पिता कन्या के विवाह के समय दान भाग के रूप में धन-संपत्ति व गाएं आदि कन्या को प्रदत्त कर वर को समर्पित करें ।'' पर इस संदर्भ में स्मृतिकार मनु ने इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया कि यह भाग कितना [...]

By |2016-12-19T05:34:39+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on दहेज का दानव । Dowry in Hindi Language

जीवन का उद्‌देश्य । Article on the Aim of Life in Hindi Language

'इस पथ का उद्‌देश्य नही है, श्रांत भवन में टिके रहना, किंतु पहुँचना उस सीमा तक, जिसके आगे राह नही ।'' सृष्टि के समस्त चराचरों में मानव सर्वोत्कृष्ट है क्योंकि केवल उसी में बौद्धिक क्षमता, चेतना, महत्वाकांश होती है । केवल मनुष्य ही अपने भविष्य के लिए अपने सपने संजो सकता है अपने जीवन के लक्ष्य का निर्धारण कर सकता [...]

By |2016-12-19T05:34:36+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on जीवन का उद्‌देश्य । Article on the Aim of Life in Hindi Language

गणतंत्र-दिवस । Republic Day in Hindi Language

गणतंत्र-दिवस । Article on Republic Day in Hindi Language! शताब्दियों की परतंत्रता के उपरान्त भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ । स्वतंत्र होने पर देश के कर्णधारों ने भारत के नवीन संविधान को लागू किया । तभी से भारत का सर्वोच्च शासक राष्ट्रपति कहलाया । भारत का नवीन संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया और यह दिन [...]

By |2016-12-19T05:34:34+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on गणतंत्र-दिवस । Republic Day in Hindi Language

दूरदर्शन और शिक्षा । Television and Education in Hindi Language

दूरदर्शन विज्ञान की एक सशक्त देन है । माध्यम के क्षेत्र में दूरदर्शन का प्रभाव निस्सन्देह अत्यधिक प्रभावी सिद्ध हो रहा है । भारत में भी यह माध्यम अधिक प्रभावी और सक्रिय है । माध्यम तो माध्यम मात्र    है । उसकी उपयोगिता इस माध्यम से प्रस्तुत होने वाले कार्यक्रमों पर निर्भर है । लोकतंत्र में मा ध्यम (मीडिया) का बहुत [...]

By |2016-12-19T05:34:31+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on दूरदर्शन और शिक्षा । Television and Education in Hindi Language

दहेज प्रथा: एक सामाजिक कलंक | "Dowry System: A Social Stigma" in Hindi Language

प्राचीन काल से ही मानव-समाज के विकास के साथ उसमें अनेक प्रथाएँ जन्म लेती रही हैं । भिन्न-भिन्न समाज अथवा सम्प्रदायों ने अपनी सुविधा अनुसार प्रथाओं को जन्म दिया, लेकिन किसी भी समाज की प्रथा में उस समाज का हित विद्यमान रहता था । समय के साथ मानव हित में रीति-रिवाजों अथवा प्रथाओं में परिवर्तन भी होते रहे हैं । [...]

By |2016-12-19T05:34:29+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on दहेज प्रथा: एक सामाजिक कलंक | "Dowry System: A Social Stigma" in Hindi Language

नारी ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है | Article on Women in Hindi Language

विस्तार बिंदु: 1. नारी के गुण । 2. प्राचीन भारतीय समाज एवं धार्मिक ग्रंथों में नारी को प्राप्त सम्मानजनक स्थिति । 3. पुरुषों एवं महिलाओं की शारीरिक संरचना में प्राकृतिक अंतर । 4. नारी की शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक विशिष्टताएं । 5. निष्कर्ष । नारी ईश्वर की एक अद्वितीय कृति है । नारी के अभाव में सृष्टि की कल्पना भी [...]

By |2016-12-19T05:34:27+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on नारी ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है | Article on Women in Hindi Language

दहेज प्रथा: एक कुप्रथा । Article on Dowry in Hindi Language

तीन वर्णों से मिलकर बना 'दहेज' शब्द अपने आप में इतना भयानक डरावना बन जाएगा कभी ऐसा इस प्रथा को प्रारंभ करने वालों ने सोचा तक न होगा । दहेज प्रथा हमारे देश में प्राचीनकाल से चली आ रही  है । परंपराएँ, प्रथाएँ अथवा रीतिरिवाज मानव सभ्यता, संस्कृति का अंग है । कोई भी परंपरा अथवा प्रथा आरंभ में किसी [...]

By |2016-12-19T05:34:24+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on दहेज प्रथा: एक कुप्रथा । Article on Dowry in Hindi Language

नूतन और पुरातन का संघर्ष: पीढ़ी अंतराल । Generation Gap in Hindi Language

प्रत्येक नर्ड पीढ़ी अपनी पिछली पीढ़ी के प्रति कुछ पूर्वाग्रह लिए रहती जबकि प्रत्येक पिछली पीढ़ी अपनी आगामी पीढियों के द्वारा उठाए गए कदमों को नकार कर तनाव और कुंठा को अपने जीवन में शामिल कर लेती हैं । पुरातन और नूतन के बीच चलने वाला यह सतत संघर्ष पीढ़ी अंतराल को जन्म देता है । हालांकि विगत कुछ वर्षो [...]

By |2016-12-19T05:34:22+00:00December 19, 2016|Essays|Comments Off on नूतन और पुरातन का संघर्ष: पीढ़ी अंतराल । Generation Gap in Hindi Language
Go to Top